नई दिल्ली. रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ के अपने अनुमान में एक बार फिर बदलाव किया है। अब इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 3.6 फीसदी रहेगी। इससे पहले एजेंसी ने समान अवधि में 5.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था।
कोरोनावायरस और लॉकडाउन से घटेगी ग्रोथ
एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ रेट में कटौती के लिए कोरोनावायरस और 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन को प्रमुख कारण बताया है। एजेंसी का कहना है कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण देश की आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह से तबाह हो जाएगा। एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ का यह अनुमान अप्रैल के अंत तक पूर्ण या आंशिक बंदी और मई 2020 के अंत तक पूर्ण बहाली से पैदा होने वाली धारणा के आधार पर जताया है। लॉकडाउन को देखते हुए इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष-2020) के लिए भी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 4.7 फीसदी कर दिया है। चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में जीडीपी ग्रोथ 5.1 फीसदी रहा है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष में 5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया है।
चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 3.6 फीसदी की ग्रोथ
रेटिंग एजेंसी के एक्सपर्ट्स ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 3.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 2.3 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान जताया है। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में औसत जीडीपी ग्रोथ को परिवर्तित करके 2.8 फीसदी कर दिया है, जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.3 फीसदी रही है। एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे रिकवरी और सप्लाई चेन के पूरी तरह से व्यवस्थित होने के कारण 4.3 फीसदी ग्रोथ रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में एजेंसी ने 4.2 फीसदी की ग्रोथ की बात कही है। हालांकि अभी इसकी घोषणा होनी है।