अब तक 1139 मामले: लॉकडाउन में पैदल घर जा रहे लोग, इन्हें खाना-पानी मुहैया कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

नई दिल्ली. पंजाब में रविवार को कोरोनावायरस से दूसरी मौत हुई। अमृतसर में 62 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। इसको मिलाकर देश में अब तक कोरोना से 31 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, कोरोना संक्रमण के कुल 1139 मामले सामने आ चुके हैं। ये आंकड़ा covid19india.org वेबसाइट के अनुसार है। सरकार के आंकड़ों में अभी संक्रमितों की संख्या 1024 ही है। इनमें से 95 ठीक हो गए हैं। लॉकडाउन के बीच दिहाड़ी मजदूर और ऐसे ही कामगार हजारों की तादाद में मुंबई, जयपुर, सूरत जैसी जगहों से अपने-अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। इन प्रवासी मजदूरों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस याचिका में पैदल अपने गांव के लिए रवाना हुए मजदूरों और उनके परिवारों के लिए खाना, पानी और ठहरने के इंतजाम करने की मांग की गई है। दिल्ली के एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने यह याचिका दाखिल की है।


इससे पहले केंद्र ने राज्यों से कहा था कि राज्य आपदा कोष से बॉर्डर पर ही मजदूरों के लिए खाने-पीने और 14 दिन के क्वारैंटाइन का इंतजाम किया जाए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निवास पर हुई मंत्री समूह की बैठक में लॉकडाउन के दौरान सफर करने वाले प्रवासियों को रहने के लिए अस्थाई आवास देने का फैसला किया गया। वहीं, खाना, दवाइयां और ऊर्जा उत्पाद जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई को चालू रखने का फैसला भी किया गया।


लॉकडाउन में चूक पर कलेक्टर-एसपी जिम्मेदार


इधर, लॉकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी राज्य की बॉर्डर या हाईवे पर लोगों की आवाजाही न हो। इसमें चूक हुई, तो संबंधित जिले के कलेक्टर/डीएम और एसपी/एसएसपी जिम्मेदार होंगे। इस बीच, सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वे अपने वर्कर्स की सैलरी ना काटें और वक्त पर उन्हें पैसा दें। राज्यों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किराएदार से मकान मालिक एक महीने तक किराया ना मांगे, ताकि वे वहीं बने रहें।


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